... ओ हो! बड़े माल हैं!.... गोभीके परांवठे, मटर का पलाव, पापड़, अचार, चटनी, मरब्बे.
2.
सरकिट-“भाई, ये ”ई-पंडित“ ………” मुन्ना-” ओ हो! तो ये है ई-पंडित,सुन ओय मामू इधर आना तो।
3.
इसका क्या मतलब है? श: यह सुब्रहमण्यम भारती का 'लिरिक्स' है यूख़ा: ओ हो! श: 'इन्डिपेंडेन्स' मिल गया करके यह 'हॅपी सॉंग' गा रहे हैं.
4.
इन्हें क्या बाहर ही छोड़कर चले जायेंगे? "" ओ हो! मैं तो यह बात भूल ही गया था, ठीक है तो उनको भी साथ ही लेते जाइए.
5.
इन्हें क्या बाहर ही छोड़कर चले जायेंगे? "" ओ हो! मैं तो यह बात भूल ही गया था, ठीक है तो उनको भी साथ ही लेते जाइए.
6.
किसी गुरु में एक लक्षण, किसी में दो, किसी में तीन लेकिन ब्राह्मी स्थितिवाला तो ओ हो! जय लीलाशाह भगवान! जय व्यास भगवान!! ऐसे ब्रह्मवेत्ता महापुरुषों के चरणों में वंदन! उनका बड़ा भारी उपकार है, उनका धरती पर रहना ही मनुष्यों के लिए मंगलकारी है।